STCG, LTCG, STT Tax 2019
हर वित्तीय वर्ष में नयी योजनाओ के साथ-2 Income Tax में भी बदलाव होते है, अगर आप Equity मै में निवेश करते है तो, टैक्स में हुए इन बदलावों की जानकारी बहुत जरुरी है, चाहे वो Mutual Funds हो या Stocks हों,
यानि आप पोर्टफोलियो में सही समय पर तब्दीली(Buy and Sell) कर सकते है जिससे आप टैक्स में होने वाले नुक्सान से बच सकते है |
Stocks या Mutual Funds में Capital Gain Tax को समझें
जब आप लाभ के लिए स्टॉक बेचते हैं, तो आपको एक वित्तीय लाभ होता है। इस विक्री से हुवा लाभ कर योग्य है |उदाहरण के लिए – यदि आप RELIANCE कंपनी के Stocks को Rs1000 मै खरीदते है और उसे Rs1050 में बिक्री करते है तो आपका मुनाफा Rs50 का हुवा, तो अब आपको लगने वाला टेक्स Rs50 पर लगेगा ना की Rs1050 पर |
आप वित्तीय लाभ पर कितना भुगतान करेंगे यह समय और विभिन्न चीजों पर निर्भर करता है, जो समय-समय पर बदलते रहते हैं।
टैक्स के प्रकार:-
LTCG TAX- लम्बी अवधी का निवेश जिसको हम एक साल से अधिक समय के लये रझते है, इस पर लगने वाला टैक्स को को हम LTCG कहते है |STCG TAX- कम समय का निवेश जिसको की हम एक साल से कम समय के लिए रखते है, इस पर लगने वाला टैक्स को हम STCG कहते है |
EquityHolding में समय के आधार पर Tax के नियम अलग-अलग प्रकार के है |
- Mutual Funds(MF LTCG & STCG) में Capital Gain Tax:-
- STOCKS में कैपिटल गेन टेक्स STCG और STT:-
Stocks में STT (Security Transaction Tex)-
Stock Deliveryमें Buyers और sellers दोनों को ही 0.01% STT लगती है |
Stock Intraday- में केवल Sellers को 0.025% STT लगती है Buyers को STT नहीं लगती है |
LTCG, STCG और STT का विवरण तालिका देखें
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